Income Tax Return Calculation: इनकम टैक्स रिफंड का प्रोसेस अब काफी सरल हो गया है। टैक्स पेयर को यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ कदमों का ध्यान रखना चाहिए कि उनके रिफंड में कोई देरी न हो। यह सुनिश्चित करने के अलावा कि उनका आधार उनके पैन से जुड़ा हुआ है, टैक्सपेयर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पैन डेटाबेस के मुताबिक उनका नाम उनके बैंक अकाउंट में दर्ज होता है।
बता दें कि किसी भी पैन कार्ड को मुताबिक नाम आम तौर पर वह नाम होता है जिसे हम पैन कार्ड पर प्रिंट करना चाहते हैं या यदि पुराना कार्ड है तो इसमें गलती हो सकती है। जबकि डेटावेस के अनुसार, नाम वहीं है जो कि लोगों के द्वारा लिया जाता है। और पैन कार्ड के नाम से अलग है तो यह सुझाव दिया जाता है कि डेटाबेस के मुताबिक सटीक नाम के लिए आयकर विभाग से कॉन्टैक्ट किया जा सकता है। या फिर पता लगाने का एक आसान तरीका टैक्स भुगतान चालान भरना है औऱ वह नाम देखना है जो कि पैन कार्ड नंबर के द्वारा जनरेट होता है। यह नाम पैन डेटाबेस के मुताबिक नाम है।
बता दें कि टैक्स पेयर के द्वारा यह भी चेक करना चाहिए कि क्या कोई पुराना टैक्स तो नहीं देना है औऱ अभी भी पे है औऱ यह अब उठाया जा रहा है और उन्हें संबोधित करें। उन्हें अपने बैंक के डेटा को भी अपडेट करने की जरुरत है। उदाहरण के तौर पर समझे कि विलय के मामल में IFSC कोड में बदलाव किया जा सकता है। और यह भी विवरण जैसे कि यह एक व्यक्तिगल खाता या फिर ज्वाइंट अकाउंट है, चेक करना चाहिए।
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