हेमा जोशी, नई दिल्ली: Ukraine-Russia: रुस और यूक्रेन वार के कारण से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का ग्रोथ रेट 1.3% प्रतिशत कम हो सकती है और वहीं देश की आय वृद्धि में 2.3% प्रतिशत घट सकती है। वर्ड बैंक के एक उच्च अधिकारी ने बुधवार को यह बात रखी है और इसके साथ ही विश्व बैंक ने यह भी कहा कि भारत कोरोना वायरस को संकट से काफी तेजी से उबर रहा है।
रूस और यूक्रेन के बीच के वार के कारण पूरी दुनिया पर असर पड़ा है। दोनो देशों के बीच हुए विवाद के कारण यूक्रेन की GDP काफी असर देखने को मिल सकता है। वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल रूस से युद्ध की वजह से यूक्रेन की अर्थव्यवस्था 45.1 प्रतिशत घट सकती है और इसी कारण से रूस की अर्थव्यवस्था भी 11.2 प्रतिशत तक घट सकती है।
युद्ध से एशियाई देश भी होगें प्रभावित
विश्व बैंक के मुताबिक इस युद्ध का असर यूरोप और मध्य एशिया जैसे देशो पर भी पड़ने का अनुमान है। रूस और यूक्रेन के बीच के वार के कारण से इस क्षेत्र की बढ़ती अर्थव्यवस्था का उत्पादक से उनकी जीडीपी से करीब 4.1 प्रतिशत तक कम होने का अंदाजा है। रूस और यूक्रेन के बीच के वार के कारण से सबसे अधिक रूस और यूक्रेन पर तो पडे़गी ही लेकिन इसकी वजह से कई देशों में जैसे किर्गिस्तान, मोलडोवा, तजिकिस्तान, बेलारूस में मंदी आने की आशंका है और इसी कारण से पूर्वी यूरोप के देशों की जीडीपी 30.7 प्रतिशत कम हो सकती है।
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फरवरी में शुरु हुआ युद्ध
रूस ने यूक्रेन के खिलाफ 24 फरवरी को युद्ध छेण दिया था और इस युद्ध को होते हुए करीब आठ हफ्ते पूरे हो गये हैं। इस युद्ध को रोकने के लिए अमेरिका ने पश्चिमी देशों से कह कर रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री हांस टिमर ने कहा कि भारत कोविड-19 के शुरु होने के पहले काफी कठिनाईयों से गुजर रहा था और उन्होंने कहा कि अब भी कठिनाईयों से गुजर रहा है उसके लिए चुनौतियां कम नही हुई हैं।
विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री हांस टिमर ने कहा कि भारत चुनौतियाों के बावजूद भी अभी रूस से कुछ सस्ता कच्चा तेल खरीद पाया है। यह भारत की बड़ी तस्वीर है कि जिस दामों से यह अभी प्रभावित है। लेकिन आश्चर्य’ की बात यह है कि भारत ने उत्पादन क्षेत्र में काफी सफलता हासिल की है और सेवाओं को लोगों तक पहुचांया है। ग्लोबल स्तर पर उत्पाद की काफी मांग है और भारत सभी मागों को पूरा भी कर सकता है।
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आय वृद्धि में होगी कमी
एक सवाल के जवाब में अर्थशास्त्री हांस टिमर कहते है कि हमारा पूरा आकलन है कि युद्ध के कारण से भारत की इनकम ग्रोथ में 2.3% की कमी आएगी और GDP Growth रेट 1.3% की कमी रहेगी। जिस कारण से हालिया आंकड़ों में सकारात्मक बदलाव है।
जानिए क्या कहती है रिपोर्ट?
आपको बता दें कि विश्व बैंक ने हालिया दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्था पर अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 2021-22 में भारत की अनुमान संबंधी विकास दर 8.3% रहेगी, जो कि 2022-23 में कम होकर 8 प्रतिशत पर 2023-24 में 7.1% पर आ जाएगी।
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विश्व बैंक के अर्थशास्त्री की राय
विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री हांस टिमर ने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा कि ज्यादा समय में भारत को ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिए बहुत मेहनत करने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा भारत को रिन्युवल ऐनर्जी की ओर एक कदम बढ़ाना होगा और साथ ही श्रमबल में महिलाओं को आगे करना होगा जो हाल ही में 20 प्रतिशत से कम है।