हेमा जोशी, नई दिल्ली: Crypto Currency: क्रिप्टो करेंसी क्या है (what is cryptocurrency)? इसके बारे में अक्सर मन में सवाल उठता होगा जो कि लाजमी है। तो आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक Digital या वर्चुअल मुद्रा है। इस Digital या वर्चुअल मुद्रा को क्रिप्टोग्राफ़ी के द्वारा सिक्योरिटी प्रदान की जाती है। इस मुद्रा के जरिए सिर्फ ऑनलाइन Transation हो सकता है और इसमें किसी थर्ड पार्टी का कोई रोल नही होता है।
क्रिप्टोकोर्रेंसी दो शब्दों के मेल से बना हुए एक शब्द है। जिसमें Crypto जो कि लैटिन भाषा का शब्द है cryptography से बना है जिसका अर्थ होता है छुपा हुआ। करेंसी शब्द भी लैटिन शब्द currentia से आया है जिसका अर्थ होता है रुपये या पैसा। तो क्रिप्टोकरेंसी का सीधा-सीधा अर्थ हुआ छुपा हुआ पैसा या गुप्त पैसा या डिजिटल रुपया। क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानकारी रखने वाले क्षितिज पुरोहित बताते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का डिजिटल पैसा है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में नही है जिसे आप जेब में रख सके बल्कि इसका सिर्फ ऑनलाइन Transation कर सकते हैं।
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इस मुद्रा के बारे में इस तरह समझे जैसे हर देश के पास अपनी एक मुद्रा है। अमेरिका के पास डॉलर, सउदी अरब के पास रियाल, इंग्लैंड के पास यूरो है। यानि एक money system जो कि देश को अपनी मान्यता प्रदान करता है और उस देश के लोग अपनी जरूरत की चीजें खरीदते हैं। साधारण तौर पर समझेंं एक ऐसा मनी सिस्टम जिसकी मान्यता हो वह करेंसी (Currency) कहलाती है।
किसने और क्यों बनाई यह डिजिटल मुद्रा
इस बारे में क्षितिज बताते हैं कि बहुत सारे लोग मानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी 2009 में सतोशी नाकामोतो ने शुरू किया था। ऐसा बिल्कुल हीं है कि इससे पहले भी कई देशों ने डिजिटल मुद्रा पर कई तरह से काम किया था। जैसे कि यूएस के द्वारा 1996 में इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था, ऐसा गोल्ड जो कि अभासी मुद्रा का रुप था, लेकिन इस मुद्रा से दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं। हालांकि साल 2008 इस मुद्रा को बैन कर दिया गया था। वैसा ही जैसे साल 2000 में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से कनेक्ट किया था।
कितने प्रकार की है Cryptocurrency
मौजूदा समय में क्रिप्टो करेंसी के बहुत सारे प्रारुप हैं। बिटकॉइन (Bitcoin) को दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी माना जाता है। इसे सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने 2009 में बनाया था। यह एक डि-सेंट्रलाइज़ करेंसी है, यानी कि इस पर किसी सरकार या संस्था का कोई नियंत्रण नहीं है। कीमत में लगातार बढ़ोतरी की वजह से लोगों में इस मुद्रा के प्रति बहुत आकर्षण है।
इथेरियम (Ethereum) भी एक ब्लॉकचेन पर आधारित डिजिटल करेंसी है। इसके संस्थापक का नाम Vitalik Buterin है। इसके क्रिप्टोकरेंसी टोकन को ‘Ether’ भी कहा जाता है। बिटकॉइन के बाद ये दूसरी सबसे लोकप्रिय cryptocurrency है। लाइटकॉइन (Litecoin) भी एक डिसेंट्रलाइज तकनीक से उपजी डिजिटल मुद्रा है, जिसे एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किया गया है।
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इसके बाद बारी आती है डॉगकॉइन की। इसे बिटकॉइन का मजाक उड़ाने के लिए बनाया गया था। इसके संस्थापक का नाम बिली मार्कुस (Billy Markus) है। इस समय इस करेंसी की वैल्यू काफी अच्छी है। टीथर (Tether) एक बड़ी और stable currency है। यह क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों के लिए अच्छे विकल्प के तौर पर है।
क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) खरीदने से पहले जरूरी बातें
ध्यान रहे कि अगर आप किसी ऐप के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट कर रहे हैं तो इस बात को अवश्य जान लें कि जिस ऐप के द्वारा आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं। वह सिक्योर है या नहीं। इसमें सिर्फ एक वजह यह है कि हैकर्स मिलते-जुलते नाम के बहुत से स्पैमिंग ऐप बना देते हैं, जिस कारण से आपको और आपके परिवार को भारी नुकसान हो सकता है।
अगर आप अपनी इच्छा से किसी भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर सकते हैं, मगर इन्वेस्ट करने से उपरान्त उस डिजिटल करेंसी का इतिहास, वर्तमान कीमत और पिछले कुछ महीनों में आए उतार-चढ़ाव के बारे में जरूर जानकारी कर लें ताकि investment के पहले आप उससे जुड़ी हर प्रकार की परेशानी को अच्छी तरह समझ सकें।
क्रिप्टोकरेंसी पर भारत सरकार की कोई क्लियर पॉलिसी नहीं रही है, ऐसी स्थिति में financial risk आपको ही लेना होगा इसलिए बेहतर होगा कि आप निवेश से पहले इसके consequence का Evaluation कर लें और उसी के अनुसार निवेश करें।
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क्रिप्टोकरेंसी के रिटर्न पर स्कैम
क्रिप्टोकरेंसी पर ज्यादा रिटर्न मिलने की वजह से स्कैम भी बढ़ गया है, ऐसे में investors को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो एक्सचेंज का संचालन कौन कर रहा है, इस बारे में भी जानकारी अवश्य कर लें। सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी हासिल कर लें और इस बात का ध्यान रखें कि अपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टो करेंसी की हिस्सेदारी सीमित ही रखें। यह भी समझते और सीखते रहें कि किन चीजों का क्रिप्टो करेंसी की कीमतों पर असर पड़ता है।