सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी Amazon को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के द्वारा भारी झटका लगा है। CCI ने कंपनी पर कार्रवाई करते हुए कंपनी के कई प्राइम सेलरर्स के ठिकानों पर छापे मारे हैं। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने कंपनी पर आरोप लगाया है कि कंंपनी के कारोबार में पारदर्शिता नहीं है। व्यवसायी संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स ने CCI के कार्य को काफी सराहा है।
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ट्रेडर्स बॉडी कैट के जनरल सेक्योरिटी प्रवीन खंडेवाल कंपनी पर CCI के एक्शन पर कहा, कि CAIT का पिछले तीन सालों से ई-कॉमर्स कंपनी के कार्यो पर आपत्ति जता रहा है। कई अदालतों में अमेजन और फ्लिपकार्ट की देरी की रणनीति के खिलाफ कैट ने CCI में शिकायत की है। अमेजन और वॉलमार्ट की कंपनी फ्लिपकार्ट के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर प्रोडेक्ट बेच रहे हैं। गुरुवार सुबह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने उनके मुख्य सेलर्स के ठिकानों पर छापे मारे। यह छापे अमेजन के दो और वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट के कई सेलर्स के यहां पडे़ जो कि दिल्ली और बेंगलुरू आदि के हैं।
आरोप ये है कि अमेजन और वॉलमार्ट की कंपनी फ्लिपकार्ट ने अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर विक्रेताओं को विशेष फीचर दे कर तरफदारी कर रहे हैं, जिससे कंपनी अधिक से अधिक प्रोडेक्ट बेच पाए। ऐसे आरोप लगने से आयोग इस पर जांच कर रहा है। बता दें कि अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ भारतीय रिटेलर्स ने कई आरोप लगाए थे। इनका कहना है, कि बड़े विक्रेताओं को खास छूट दी जाती है।
अमेजन की विक्रेताओं के साथ कारोबारी
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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के द्वारा अमेजन के विक्रेताओं क्लाउडटेल और व्यापारियो के ठिकानों पर छापे पड़े हैं। दोनों कंपनियों के कारोबार में अमेजन की विशेष साझेदारी है। हालांकि कंपनी के द्वारा किसी भी तरह का बयान जारी नही किया गया है। पिछली साल उसने कहा था कि अमेजन सभी विक्रेताओं को एक समान आंकती है। किसी भी तरह का भेदभाव नही करती है।
जानिए कंपनी पर कैसे हुआ शक
- 2019 में 4,00,000 विक्रेता अमेजन पर सामान बेच रहे थे।
- कंपनी में करीब 35 विक्रेता कुल दो-तिहाई बिक्री कर रहे थे और इन दो-तिहाई में भी 35 प्रतिशत बिक्री सिर्फ क्लाउडटेल व अपारियो की थी।
- पिछले वर्ष Amazon ने अपनी इमेज बचाने के लिए बताया कि मई 2022 के बाद क्लाउडटेल उसके यहां विक्रेता नहीं रहेगा
Cloudtail और Appario के ठिकानों पर पड़े छापे
रॉयटर्स की खबर के अनुसार CCI ने Cloudtail और Appario के दिल्ली और बेंगलुरु स्थित ऑफिस पर छापे मारे। Amazon की करीब 80% बिक्री में Cloudtai के द्वारा होती है। जबकि Appario भी e-commerce platforms पर बिक्री करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है।
छोटे कारोबारियों के संगठन CAIT से जुड़ी संस्था ने दिल्ली व्यापार मंच में CCI से शिकायत कर कहा कि, Amazon और Flipkart के FDI नियम गलत हैं। उसने कहा कि अपने Plartfom पर Cloudtail और Appario जैसी कंपनियों को priority देना गलत है जिसके बाद जनवरी 2020 में कमीशन ने दोनों कंपनियों पर जांच शुरु कर उनके कई ठिकानो पर छापे मारे।
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फेसबुक-गूगल जैसा विवाद होने की आशंका
आयोग को जानकारी न देकर अमेजन 2021 में फेसबुक और गूगल के ऑस्ट्रेलिया की सरकार के साथ हुए विवाद जैसे हालात फिर ला सकता है। इन दोनों कंपनियों ने Australia में अपनी सेवाएं बंद करने की धमकी दी थी क्योंकि सरकार ने अखबारों के कंटेंट से टेक कंपनियों को हो रही कमाई पर अखबारों को रॉयल्टी देने के लिए कहा था।
सभी रिटेलर्स की हो जांच
कैट ने मांग की है कि इन दोनों के अलावा Amazon के दूसरे शीर्ष 20 सेलर्स की भी ठीक से जांच की जानी चाहिए। अमेजन FDI पॉलिसी का उल्लंघन कर रही है और लंबे समय से भारत में एकाधिकार जमाने की कोशिश में लगी है. कैट ने आरोप लगाया है कि Amazon के e-commerce portal पर कोई पारदर्शिता नहीं है। इससे देश के छोटे retailers और customers को भारी नुकसान होता है।