हेमा जोशी, नई दिल्ली:Digital Payments Increased: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के अटूट प्रयासो से भारत देश काफी तेजी से डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रहा है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी यूपीआई (Unified Payments Interface-UPI) और ऑनलाइल तरीके से बढ़ रहे लेनदेन के आंकड़े इस बात की ओर इसारा करते है कि प्रधानमंत्री इस बात को लेकर अपनी खुशी जता रहे है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने @indianpixels को टैग करते ये हुए ट्वीटर पर tweet किया की, मैने हमेशा UPI और Digital transaction के बारे में बात की है। आप सब ने UPI Transaction के बढ़ते चलन पर अपनी बात अच्छी तरह रखने के लिए डेटा सोनिफिकेशन का सहारा लिया है। यह मुझे काफी पसंद आया है और यह काफी उपयोगी और अच्छी तरह से जानकारी देने वाला हैै।

सबसे खास बात यह है कि इसको धुन बनाने के लिए डाटा सोनिफिकेशन प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। जिसके माध्यम से यूपीआई से लेैनदेन दिखाया जाता है। इस प्रक्रिया के उपयोग की प्रशंसा प्रधानमंत्री मोदी ने की है। आईआईपी ने ट्वीटर पर tweet कर लिखा, अक्तूबर, 2016 से मार्च, 2022 तक यूपीआई के माध्यम से हुए लेन देन की ‘खनक’ सुनें।

एक तरफ नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के अनुसार, मूल्य के आधार पर बीते छह वर्षो में यूपीआई लेनदेन में 25.2 लाख गुना की तेजी आई है। आपको बता दें जुलाई, 2016 में यूपीआई के द्वारा 38 लाख रुपये तक का लेनदेन हुआ था। जो कि इस साल मार्च में बढ़कर 9,60,581.66 करोड़ रुपये तक हो गया है। संभवता 2016 में यह आंकड़ो का 48.57 करोड़ रुपये के करीब था।

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जनसंख्या के आधार पर 6,006 गुना बढ़ा

छह साल में जनसंख्या के हिसाब से देखा जाए तो यूपीआई लेनदेन में 6,006.2 गुना का इजाफा आंका गया है। मार्च 2022 में यूपीआई से करीब 540.56 करोड़ लेनदेन हुए हैं जबकि जुलाई, 2016 में यह आकड़ा सिर्फ 9 लाख था। बीते वर्ष मार्च के लिहाज से इसमें 97.89% का इजाफा हुआ है। उस समय यूपीआई से 452.74 ट्रांजैक्शन हुए थे।

डाटा सोनिफिकेशन क्या है जानिए,

किसी भी प्रकार की जानकारी को दिखाने के लिए नॉन-स्पीच ऑडियो का उपयोग करना सोनिफिकेशन कहलाता है। इस कार्यविधि का उपयोग कर के डाटा को ध्वनि के रूप में प्रदर्शित करना डाटा सोनिफिकेशन है। इसकी एक सधारण कार्यविधि में डाटा के समूह को सॉफ्टवेयर सिंथेसाइजर और एक डिजिटल-टू-एनालॉग कन्वर्टर के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।

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सालभर में बढ़ा करीब 90 फीसदी यूपीआई लेनदेन

प्रधानमंत्री मोदी ने यूपीआई के बढ़ रहै चलन को सराहा है। दरएसल नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के रुप ने प्रधानमंत्री को इसकी सराहना के लिए मजबूर कर दिया। अगर NPCI के आंकड़ों पर नजर डालें तो मार्च 2022 में यूपीआई के द्वारा 9,60,581.66 करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शन हुए हैं। बीते साल मार्च के आधार पर यह आंकड़ा 90.25 प्रतिशत अधिक है। उस दौरान देश में यूपीआई के द्वारा कुल 5,04,886.44 करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शन किए गए। इन सबके मुकाबले यह आकड़ा इस साल फरवरी में 8,26,843.00 करोड़ और जनवरी में 8,31,993.11 करोड़ रुपये से अधिक था।

लेनदेन में 98 फीसदी की बढ़ोतरीDigital Payments Increased

NPCI के डेटा के अनुसार, सिर्फ सालभर में यूपीआई लेनदेन में करीब 98% का इजाफा रिकॉर्ड किया गया है। मार्च 2022 में यूपीआई के द्वारा 540.56 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ है। यह आंकड़ा पिछले साल मार्च में हुए 273.16 करोड़ ट्रांजैक्शन से 97.89% अधिक है। फरवरी 2022 में यूपीआई के द्वारा कुल 452.74 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन हए, जबकि इस साल जनवरी में ट्रांजैक्शन का आंकड़ा 461.71 करोड़ था।

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अभी 313 बैंकों में UPI लेनदेन की सुविधा Digital Payments Increased

इस साल मार्च की हालात के अनुसार पूरे देश के करीब 313 बैंक यूपीआई से ट्रांजैक्शन करने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। मार्च 2021 में सिर्फ 216 बैंकों में इस प्रकार की सुविधा थी। इस साल फरवरी में 304 बैंक अपने उपभोग्ताओं को यूपीआई ट्रांजैक्शन की सुविधा प्रदान कर रहे थे। जबकि इस साल जनवरी यह आंकड़ा 297 करीब रहा था।