हेमा जोशी, नई दिल्ली : Credit Card : अगर आप इन चीजों से अनजान है। तो ये बातें आप जरुर जान लें। क्यों कि ये आपके और आपके परिवार के भविष्य के लिए बहुत जरूरी है। दरअसल 1 जनवरी 2022 से क्रेडिट-डेबिट कार्ड के द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल पेमेंट के जो तरीके थे उनमें बदलाव आने वाला है। इसका एक ही कारण है कि 1 जनवरी से Reserve Bank of India इसके लिए नया नियम लागू करने जा रही है। इस नियम के लागू होने से व्यापारी वेबसाइट या ऐप अब आपके कार्ड की डिटेल स्टोर नहीं कर सकेंगे। जो मर्चेंट वेबसाइट/ऐप पर अभी तक आपकी डिटेल सेव हो रही थी वह वहां से ऑटो डिलीट हो जाएंगी।

इसका सीधा मतलब यह हुआ कि अब अगर आप अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग करना चाहेंगे या फिर कार्ड को किसी पेमेंट ऐप पर डिजिटल पेमेंट के लिए उपयोग करना चाहेंगे आपकी डिटेल सेव नहीं होंगी। आपको अब 16 डिजिट वाले डेबिट/क्रेडिट कार्ड नंबर सहित पूरी जानकारी डालनी होंगी या फिर टोकनाइजेशन के ऑप्शन को चुनना होगा। अभी फिलहाल यह होता था कि आपका कार्ड नंबर पेमेंट ऐप या फिर ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर स्टोर हो जाता है। और सिर्फ सीवीवी और ओटीपी एंटर कर पेमेंट कर सकते हैं।

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बता दें की रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रेडिट कार्ड जारी किए जाने को लेकर और उसके ऑपरेशन्स को लेकर कुछ महत्वपूर्ण गाइडलाइन जारी की हैं। इन गाइडलाइन को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने डायरेक्शन्स 2022 का नाम दिया गया है। ये गाइडलाइन एक जुलाई 2022 से लागू होगी। यह गाइडलाइन हर शिड्युल्ड बैंक और एनबीएफसी पर लागू होंगे। जोकि भारत में क्रेडिट कार्ड से जुडें कायदे कानून को ऑपरेट कर रहे हैं।

HDFC बैंक ने शुरू की मैसेज सुविधा

एचडीएफसी बैंक ने 1 जनवरी 2022 से लागू होने वाले इस नए नियम को लेकर अपने ग्राहकों से विनती करनी शुरू कर दिया है। बैंक ने कहा है कि बेहतर कार्ड सिक्योरिटी के लिए आरबीआई के नए मैनडेट के रुप में सेव आपके एचडीएफसी बैंक कार्ड की डिटेल्स 1 जनवरी 2022 से मर्चेंट द्वारा डिलीट कर दी जाएंगी। अब हर बार के ट्रांजेक्शन में आपको अपनेे कार्ड की डिटेल्स डालनी होंगी या फिर टोकनाइजेशन सिस्टम को अपनाना होगा।

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क्या है टोकनाइजेशन और कैसे करें इस्तेमाल

टोकनाइजेशन सिस्टम की मदद से कार्डधारक को अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स को शेयर नहीं करना होता है। एचडीएफसी बैंक के अनुसार, टोकनाइजेशन सिस्टम कार्ड नंबर का एक विकल्प के तौर पर कोड के जरिए स्थानापन्न होता है। इस कोड को टोकन कहा जाता हैं। यह प्रत्येक कार्ड, टोकन रिक्वेस्टर और मर्चेंट के आदि के लिए यूनीक होगा। टोकन क्रिएट हो जाने पर टोकनाइज्ड कार्ड डिटेल्स को असली कार्ड नंबर की जगह उपयोग किया जा सकता है। इस तरीके को ट्रांजेक्शन के लिए ज्यादा सेफ माना जाता है।

क्रेडिट कार्ड के लिए जारी नए नियम

इन गाइडलाइन के अनुसार, कार्ड जारी करने वाली कंपनी या बैंक अगर क्रेडिट कार्ड अकाउंट बंद करने में देरी करता है, तो उन्हें कार्डहोल्डर को जुर्माना देना पडेगा।
क्रेडिट कार्ड बंद कराने को लेकर आरबीआई के नियम:

a) आरबीआई की गाइडलाइन कहती हैं कि अगर किसी क्रेडिट कार्ड होल्डर ने पूरी राशि का भुगतान कर दिया है तो क्रेडिट कार्ड को सात दिन के भीतर प्रोसेस बंद करना होगा ।

b) कार्डहोल्डर को क्रेडिट कार्ड बंद किए जाने की जानकारी तुरंत मोबाइल एसएमएस या ईमेल के द्वारा दी जानी चाहिए ।

(c) इस गाइडलाइन में कहा गया है कि कंपनियां कार्डहोल्डर्स को पोस्ट या दूसरे जरिए से क्लोजर रिक्वेस्ट भेजने के लिए मना नहीं कर सकती हैं । इससे रिक्वेस्ट पहुंचने में देरी हो सकती है।

(d) अगर कार्ड जारी करने वाली कंपनी या बैंक सात वर्किंग डेज में क्रेडिट कार्ड बंद करने की प्रक्रिया पूरा नहीं करता है तो उन्हें अकाउंट बंद करने तक हर रोड 500 रुपये का जुर्माना भरना होगा ।

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जान लीजिए ये नियम

आरबीआई के गाइडलाइन के अनुसार अगर क्रेडिट कार्ड का उपयोग एक साल से ज्यादा समय तक नहीं होता है तो Credit Card Issuer कार्डहोल्डर को जानकारी देने के बाद क्रेडिट कार्ड अकाउंट को बंद करने का प्रोसेस शुरू कर सकता है ।वहीं, अगर कार्डहोल्डर 30 दिन के भीतर कोई रिप्लाई नहीं करता है तो सभी बिल क्लियर होने की स्थिति में कार्ड इश्यूअर कार्ड को क्लोज कर सकता है । कार्ड इश्यूअर को कार्ड बंद करने के 30 दिन के भीतर क्रेडिट इनफॉर्मेशन कंपनी को सूचित करना होता है ।आरबीआई ने अपनी गाइडलाइन में यह भी कहा है कि क्रेडिट कार्ड अकाउंट बंद करने के समय अगर क्रेडिट कार्ड खाते में कुछ क्रेडिट राशि है तो उसे कार्डहोल्डर के बैंक खाते में ट्रांसफर करना होता है।

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