7th Pay Commission: साल 2022 खत्म होने में चंद दिन बाकी हैं, और लोग नए साल की तैयारियों में लगे हैं। ऐसे में साल के अंत में केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को दो गुनी खुशखबरी देने वाली है। कर्मचारियों को यह उम्मीद है कि साल के अंत में सरकार उनकी मांगों को लेकर फैसला सुना सकती है। इनमेें 18 माह का बकाया डीएयरनेस अलाउंस और फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी की मांग शामिल है।
कई बार की गई है बातचीत: 7th Pay Commission
केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से कोरोना काल में रोके गए उनके 18 माह के भत्ते और पेंशन होल्डरों को मिलने वाले डीयरनेस रिलीफ की पमेंट की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही कर्मचारियों की दूसरा Fitment Factor की इजाफे की मांग है। मीडिया की खबरों की मानें तो इस बारे में सरकार इससे जुड़े डिपार्टमेंट के साथ कई बार बातचीत कर चुकी है, और जल्द ही इस पर बडी घोषणा की जा सकती है। जबकि सरकार की तरफ से इस बारे में कोई भी ऑधिकारिक बयान नहीं जार किया गया है।
DA एरियर और Fitment Factor पर होगा फैसला:
अगर सरकार इन दोनों मागों पर कोई फैसला लेती है तो यह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए दोगुनी खुशी होगी। खबरों के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों को भी यह उम्मीद है कि वित्त मंत्रालय के द्वारा उन्हें अगले साल का इंतजार नहीं करना होगा। और इस साल दिसंबर के अंत में उनकी मांगों पर फैसला ले सकता है। यह सब होने पर कर्मचारियों के वेतन में बंपर बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। गौरतलब है कि फैक्टर का केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाली सैलरी में अहम रोल होता है। यह कर्मचारी के भत्ते के साथ उनकी बेसिक वेतन और फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय किया जाता है।
इतना बाकी है मंहगाई भत्ता:
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 18 माह का मंहगाई भत्ता देश में कोरोना बीमारी का प्रकोप बढ़ने के चलते होल्ड कर दिया गया था। ये डीयरनेस अलाउंस जनवरी 2020 से जून 2021 तक का पैंडिंग है, और अब कोविड का प्रकोप खत्म हो गया है औऱ इससे जुड़ी सारी पाबंदियों को भी हटा दिया गया है, तो ऐसे में कर्मचारियों को अपना बाकी का DA की आस हो गई है। ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार इन कर्मचारियों को DA एरियर की रकम उनके वेतन के आधार पर मिलेगी।
फिटमेंट फैक्टर की मांग:
केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन करने में फीटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) का रोल होता है, और इसका इजाफा होने से वेतन में भी बढ़ोतरी देखने को मिलती है। फिलहाल यह 2016 से 2.57 गुना दिया जा रहा है। लेकिन केंद्रीय कर्मचारी इसे बढ़ाकर 3.68 गुना किए जाने की मांग कर रहे हैं। अगर सरकार इस मांग पर मनन करती है, तो फिर कर्मचारियों की बल्ले हो जाएगी। अंत में जब इस फैक्टर को बढाया गया था, तो कर्मचारियों की कम से कम सैलरी 6 हजार रुपये से सीधे 18 हजार हो गई थी। वहीं अब इसमें बढ़ोतरी होती है तो न्यूनतम बेसिक भुगतान 18 हजार रुपये से बढ़कर 26 हजार रुपये हो जाएगा।
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