Petrol Price Today: दिवाली का त्योहार काफी नजदीक है और लगातार मंहगाई (Inflation) ने आम जन की कमर तोड़ रखी हैं लेकिन इस महौल में भी फैस्टिव की रौनक बरकार है। बीते साल में सरकार ने लोगों को मंहगाई से राहत देकर खास गिफ्ट दिया था। पिछले साल सरकार ने पेट्रोल औऱ डीजल पर एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) को कम कर सरकार ने मंहगाई से राहत दी थी। लेकिन इस साल आपको एक बार फिर से किसी भी तरह की उम्मीद मिली है तो यह मान ले कि इस बार इस प्रकार की संभावनाएं न के बराबर हैं। इस बार सरकार के पास इस तरह का तोहफा देने की कोई गुंजाइश नही रही है।
तेल कंपनियों को भारी धाटा:Petrol Price Today
इस बार दुनिया में जिस प्रकार से रुस और यूक्रेन बार के बाद कच्चे तेल की कीमतों ने महंगाई का दामन थाम रखा है। इसकी वजह से तेल कंपनियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। बहराल तेल कंपनियों को ये छूट है कि वे वैश्विक बाजार के मुताबिक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी और इजाफा कर सकती हैं। लेकिन कई बार राजनीतिक और मंहगाई को रोकने की रणनीति या फिर सरकार के फैसलों के कारण मिली इस आजाादी का लाभ तेल कंपनियों को नही मिल रहा है। ऐसे में कच्चे तेल के दाम और बढ़ती लागत के बावजूद तेल कंपनियों ने काफी समय से तेल के दाम में इजाफा नही किया है। तेल की कीमतों में इजाफा न होने पर रिसर्च एजेंसी मूडीज का अनुमान है कि पेट्रोल-डीजल के दामों में स्थिरता होने से तेल कंपनियों को पिछले 9 महीने में 7 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है। और यह हाल तब हैं जब तेल कंपनियों ने बाजर में सस्ती गैस बेचने पर हुआ धाटे की भरपाई के लिए 22 हजार करोड़ की रकम प्रदान की है।
दिवाली में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर नही है राहत:Petrol Price Today
आपको बता दें कि तेल कंपनियों के पास ये गुंजाइश बची नही है कि वो पेट्रोल और डीलज के दाम बढ़ाएं लेकिन मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार, तेल मार्केट कंपनियों को नवबंर 2021 से अगस्त 2022 के बीच 57 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। जिसमें इंडियन ऑयल कंपनी को सबसे अधिक 24 हजार करोड़ रुपये, भारत पेट्रोलियम और हिदुस्तान पेट्रोलियम को 13 से15 हजार करोड़ के बीच का नुकसान होने का अनुमान है।
कच्चे तेल की कीमतों ने किया बंटाधार!
ऑयल कंपनियों को हुए नुकसान का बड़ा कारण कच्चे तेल की कीमतों में आया उछाल है। दरअसल जनवरी से अगस्त 2022 के बीच ब्रेंट क3ूड का औसत रेट 104 डॉलर प्रति बैरल रहा है। इस साल नवंबर 2021 में 2021 में ब्रेंट क्रूड का औसत भाव 80 डॉलर प्रति बैरल था वहीं सितंबर माह में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से कम रही हैं। इसके बाद ऑयल कंपनियों के द्वारा काफी समय से रेट में इजाफा नही किया गया है। तेल के बढ़ने के बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी न होने से उनको भारी घाटा हुआ है।
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