Insurance KYC New Rules: 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत हो चुकी हैं इसके साथ कई चीजों में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। इसमें सबसे प्रमुख औऱ बड़ा बदलाव में केवाईसी को शामिल किया गया है। जिसके तहत यूजर्स को अपने कागजात देना जरुरी हो गया है। आपको अपनी पॉलिसी को देने से पहले ही आपको कुछ कागजों को देना जरुरी हो गया है। तो ऐसे में इन नियमों के बदलाव की सारी डिटेल को समझते हैं।
वहीं इस बार की बात करें तो भारतीय नियामक और विकास प्रधिकऱण की ओऱ से स्वास्थ्य, ऑटो, घर आदि सभी प्रकार की इंश्योरेंस पॉलिसियों की खरीद पर बात करें तो ई-केवाईसी मानदंड अनिवार्य हो चुका है। जबकि इस नियम की बात करें तो सभी इंश्योरेंस परलागू होने जा रहा है। जबकि,आज से बीमाकर्ताओं तो इससे जुड़े दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता है।
क्यों हो रही जरुरत (Insurance KYC New Rules)
इस नए नियम की जरुरत पड़ने वाली है। इससे अब क्लेम प्रॉसेसस प्रक्रिया में काफी तेजी होना शुरु हो जाएगी। इंश्योरेंस के पास ग्राहकों की विस्तार से जानकारी होती है। जिसमें बीमा कंपनियों को लेकर बात करें तो ईकेवाईसी डिटेल रिस्क अससेमेंट (KYC Deatils) और प्राइसिंग की सटीकता की सुधार को लेकर सहायता की जा सकता है।
नए अप्लीकेशन पर चेक करें जानकारी
आपको बता दें कि बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण ने जानकारी दिया है कि वे उन पॉलिसीधारकों को सामान्य और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के नवीनीकरण को लेकर छूट देने की जरुरत पड़ने जा रही है। जिन्होंने कोरोना वेक्सीन के 3 डोज लेकर लाभ दिया जा रहा है।
इन नियमों पर डाले नजर
बीमा नियामक ने बीमाकर्ताओं को लेकर ये भी अनुरोध हुआ है कि लिस्टिड अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल्स में भर्ती होने के पहले जा राशि लेने से पहले रोक लगाया जा चुका है।
कुछ हॉस्पिटल कैशलेस पॉलिसी होने के बावजूद पहली औऱ दूसरी कोविड लहर के दौरान जमा राशि ले रहे थे।
बीमाकर्ताओं को सबसे खराब स्थिति को ध्यान में रखते हुए बेनिफिशरीज को कोविड से जुड़ी सहायता के लिए वॉर रुम अहम होता है।
बीमा नियामक ने कंपनियों ने जानकारी दी है कि डाटा को एक निर्धारित रुप से लवेकर जानकारी मिल जाती है।
बीमाकर्ताओं ने नियामक से उपचार प्रोटोकॉल के मानकीकरण को लेकर की सलाह भी दी गई है।
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