केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए कई योजनाओं और नई योजनाओं के विस्तार की घोषणा की है. 2023 के बजट में घोषित नई योजनाओं में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत लागू की गई एक उप-योजना है। केंद्र सरकार ने इससे पहले मछुआरों की मदद के लिए पीएम मत्स्य संपदा योजना लागू की थी। अब इस योजना के तहत एक उप योजना लागू की गई है।

इस योजना का लक्ष्य सीफूड मछली उद्योग में 6,000 करोड़ रुपये का निवेश करना है। साथ ही मछली पकड़ने के बाद बाजार विकसित करने के उद्देश्य से यह परियोजना लागू की गई है। परियोजना का उद्देश्य मछुआरों, स्थानीय मछुआरों के लिए बाजार का विस्तार करना है। यहाँ इस परियोजना के बारे में सारी जानकारी दी गई है।

प्रधानमंत्री मत्स्य संसाधन योजना की शुरूआत

10 सितंबर, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बिहार में आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री मत्स्य निधि योजना की शुरुआत की गई। सरकार ने 2020-2021 और 2024-2025 के बीच इस योजना के लिए अनुमानित 20,050 करोड़ रुपये निवेश होगा। इसमें समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के विकास के लिए लाभार्थी आधारित गतिविधियों के लिए 12,340 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। साथ ही फिशरीज इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 8,610 करोड़ रुपये अनुदान प्रदान किया गया है।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के उद्देश्य:

  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के उद्देश्य:
  • 2024-2025 तक अतिरिक्त 70 लाख टन मछली उत्पादन बढ़ाना।
  • मछली निर्यात आय को बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपये करना
  • मत्स्य पालन की आय में वृद्धि के साथ-साथ मछुआरों की आय को दोगुना करना
  • मछली हानि दर को 20% से 25% के बजाय 10% तक कम करना।
  • मत्स्य क्षेत्र और संबद्ध गतिविधियों में किसानों और मछुआरों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभकारी रोजगार के अवसरों का सृजन करना।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत ई-पलिहारा योजना का शुभारंभ:

बिहार के पूर्व पशुधन एवं मत्स्य पालन मंत्री मुकेश सहनी ने 6 अगस्त 2021 को ई-पलिहारा योजना का शुभारंभ करते हुए बताया था कि अब मछुआरों से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जाएगा. इस परियोजना के माध्यम से किसान संचार साधनों का उपयोग कर मछली पालन की समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र का विकास करना है। इस योजना के तहत लगभग 29 सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। 80% यूनिट लागत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं को दी जाती है। अन्य श्रेणियों को 40% यूनिट लागत दी जाती है। लाभार्थी मत्स्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया

  • लाभार्थियों को सबसे पहले मत्स्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा और लॉग इन करना होगा।
  • उसके बाद उन्हें फॉर्म जमा करना होगा और सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
  • लाभार्थी अपना स्वयं का एससीपी-डीपीआर तैयार कर प्रपत्र के साथ जमा करना होगा। डीपीआर और एससीपी लागत इकाई लागत से अधिक हो सकती है। लेकिन अनुदान इकाई लागत के हिसाब से दिया जाता है। डीपीआर तैयार करने का खाका आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।

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