Crypto Currency Rules: सबसे पहले बताते है कि क्रिप्टोकरेंसी क्या है, क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसा डिजिटल मुद्रा है। जिसको कंप्यूटर के द्वारा एक्सचेंज के मीडियम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। बता दें इसके द्वारा होने वाली आय पर किसी भी प्रकार का टैक्स नही लगता है। हालिंया वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स वशूलने के बारे में एक प्रस्ताव पेश किया था। उन्होंने अपने प्रस्ताव में कहा कि अप्रैल 2022 से किसी भी प्रकार की वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्राजंक्शन से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी की दर से कर लगाया जाएगा।

1 अप्रैल से केंद्रीय बजट 2022 पेश के दौरान प्रस्तावित और संसद में लागू डिजिटल एसेट को कानूनी तौर पर मना जाएगा। यह भारत में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को टैक्स ब्रैकेट के द्वारा लाता है। जबकि अभी डिजिटल एसेट के बारे में बता पाना काफी कठिन है।
आपको बता दें भारत में अब से किसी भी प्रकार की ने ट्रेडिंग होगी उसमें होने लाभ पर 30 फीसदी टैक्स कटेगा। इसके अलावा, इस तरह का किसी भी लेनदेन पर फिर उसमें चाहें लाभ हो या ना हो उसमें एक प्रतिशत टीडीएस भी काटा जाएगा। अगर कोई भी व्यक्ति इस नियम का पालन नहीं करता तो उस व्यक्ति को बड़ी समस्याओं का समना कर पड़ सकता है।

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क्रिप्टोकरेंसी कानून पर हुआ विरोधCrypto

भारतीय क्रिप्टो भारतीय क्रिप्टो कई लोगों के विरोध करने पर भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) पर भारत ने इसे टैक्स के दायरे में ला दिया। रिसर्च फर्म ट्रिपल ए का के अनुसार, एशियाई उपमहाद्वीप में करीब क्रिप्टोकरेंसी के 10 करोड़ से अधिक मालिक हैं। जो क्रिप्टो समुदाय से आते हैं। बता दें कि यह भारत की करीब 1.7 अरब आबादी का 7.3 प्रतिशत है। वहीं क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म्स को डर है कि इस टैक्स नियम के लागू होने से भारत से कई क्रिप्टो इनवेस्टर भाग ना जाए।

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कितने प्रतिशत देना होगा टैक्स

नए नियमों के मुताबिक अब क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा। अगर आपने अपने 15 हजार रुपये का निवेश क्रिप्टोकरेंसी में किया है। तो कुछ वर्षो बाद उसकी कीमत करीब 45 हजार रुपये हो गई। ऐसे में आपको इस पर कमाया गया लाभ यानि 30 हजार रुपये पर टैक्स देना होगा। उसके हिसाब से करीब 9 हजार रुपये का टैक्स देना पड़ेगा।

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विरोध करने पर भी पारित हुआ कानून

भारतीय क्रिप्टो भारतीय क्रिप्टो कई लोगों के विरोध करने पर भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) पर भारत ने इसे टैक्स के दायरे में ला दिया। रिसर्च फर्म ट्रिपल ए का के अनुसार, एशियाई उपमहाद्वीप में करीब क्रिप्टोकरेंसी के 10 करोड़ से अधिक मालिक हैं। जो क्रिप्टो समुदाय से आते हैं। बता दें कि यह भारत की करीब 1.7 अरब आबादी का 7.3 प्रतिशत है। वहीं क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म्स को डर है कि इस टैक्स नियम के लागू होने से भारत से कई क्रिप्टो इनवेस्टर पलायन ना कर जाए।

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अगर आपको कोई क्रिप्टो गिफ्ट करता है या फिर कोई आपको दूसरी वर्चुअल संपत्ति तोहफे के स्वारुप में मिलती है तो वह भी टैक्स के दायरे में आएगी। जबकि क्रिप्टो निवेशक एक फीसदी का टीडीएस का क्लेम कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए उनको ITR यानि Income tax return फाईल करना होगा। टीडीएस का प्रावधान 1 जुलाई 2022 से लागू किया जाएगा।
सरकार की ओर से पूरा प्रयास किया जा रहा है क्यो कि सरकार चाहती है कि क्रिप्टोकरेंसी से होने-वाले ट्रांजैक्शन पर नजर बनाई जा सके। क्रिप्टोकरेंसी के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अपनी बात रख चुके हैं।

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