Rupee International Trade: जानकारी के लिए बता दें कि सरकार के द्वारा रुपये का वेश्वीकरण करने का प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। इसके जरिए बीते सप्ताह डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड की ओर से रुपये में आयात निर्यात के बिल को जारी करने की सुचना जारी कर दी गई है। जिससे कि रुपये में फॉरेन बिजनेस में किसी भी प्रकार की रोकटोक न हो। मिली जानकारी के मुताबिक सरकार साल 2047 तक रुपये को वैश्विक बाजार में स्थापित कर सकती है। जिससे की आजादी के समय मिली करेंसी (Rupee International Trade) किसी दूसरी करेंसी की तरह वैलुएबल हो।
हाल ही में करीब 40 प्रतिशत कारोबार डॉलर में चल रहा है। FEO के निदेशक और महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि रुस के साथ भारता का कारोबार बहुत ही जल्द शुरु होने जा रहा है और उसके बाद सउदी अरब के साथ इस प्रकार की उम्मीद की जा रही है और निश्चित ही रुपया वैश्विक बाजार की दिशा में काफी इम्पोर्टेंट रखता है।
अमेरिकी डॉलर में होता है 40 प्रतिशत से ज्यादा का कारोबार: (Rupee International Trade)
हाल ही में हुए वित्त मंत्रालय व वाणिज्य व उधोग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के बीट हुई बातचीत में रुपये को अंतराष्ट्रीय करेंसी (Rupee International Trade) में बनाने के लिए मैकेनिज्म तैयार करने पर काफी गहराई से बातचीत हुई। बता दें कि हाल ही में करीब 40 प्रतिशत कारोबार डॉलर में चल रहा है। FEO के निदेशक और महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि रुस के साथ भारता का कारोबार बहुत ही जल्द शुरु होने जा रहा है और उसके बाद सउदी अरब के साथ इस प्रकार की उम्मीद की जा रही है और निश्चित ही रुपया वैश्विक बाजार की दिशा में काफी इम्पोर्टेंट रखता है।
कई देशों में हो सकता है कारोबार:(Rupee International Trade)
हाल ही में हुई इस बातचीत में सबसे महत्वपूर्ण यह रहा है कि FEO के पूर्व अध्यक्ष शरद कुमार सराफ कहा कि चीन के मुकाबले भारत का रुपया इसलिए टिक सकता है। कि भारत मूल्य घटाने और बढ़ाने के तरीके नही अपनाता है। चीन भी अपनी करेंसी युआन को वेश्वीकरण की कोशिश कर रहा है। लेकिन चीन को सफलता नही मिली है। लेकिन उन्होने कहा कि अब भारत का रुपया करोबार के लिए आगे आएगा। श्रीलंका, बांग्लादेश, मैक्सिको, ब्राजील आदि देश भी भारत के रुपये में कारोबार कर सकते हैं। निर्यातको ने कहा कि डॉलर की तंगी झेल रहे भारत के रुपये में व्यापार करने के लिए तैयार हैं।
रुस से शुरु होगा कारोबार:
जानकारों के अनुसार, रुस की ओर से अपने बैंक का ऐलान कर दी है। दोनों देश में रुपये में व्यापार होने जा रहा है। ईरान के साथ पहले भी रुपये में कारोबार हो रहा है। जिसको एक बार फिर से शुरु करना होगा। विदेश के एनालिटिक्स रुस और साऊदी जैसे देशों में रुपये में व्यापार शुरु होने से राहत होगी। इसका कारण है कि इन देशों के साथ कारोबार बढ़ रहा है। इस फाइनेंशिल ईयर में देश में आयात में निर्यात से बहुत तेजी देखी जा रही है। जिससे विदेशी करेंसी काफी इफेक्ट हो रही है।
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