Annual Inflation Data: मंहगाई न सिर्फ भारत में है बल्कि भारत में भी है। जबकि दुनिया भर के लोग देशों में यह मुसीबत काफी बनी हुई है। अगर इसका आंकड़ा चेक करें तो बड़ी-बड़ी इकोनॉमी की तुलना में भारत में यह काफी कम है। वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स (World of Statistics) की तरफ से जारी किए गए सालाना मंहगाई का आंकड़ा चेक करें तो पूरी दुनिया में मंहगाई से सबसे अधिक त्रस्त तुर्की और अर्जेंंटीना है जहां पर सालाना मुद्रा स्पीति 83 प्रतिशत के पार हो गई है।
तुर्की और अर्जेंटीना सबसे अधिक हैं परेशान: Annual Inflation Data
बता दें कि महिंद्रा ग्रुप के हेड और मालिक आनंद महिंद्रा अक्सर वर्ल्ड के आंकड़े पेश करते रहते हैं। वहीं उनकी ओर से ही देशों में मंहगाई दर के आंकड़े जारी किए गए हैं। इसको देखें तो सबसे टॉप पर तुर्की है। यहां पर मंहगाई दर 83.4 प्रतिशत के स्तर पर आ गई है। इसके बाद दूसरे नंबर पर अर्जेनटीना है जिसकी मंहगाई की दर (Annual Inflation Rate) 83 प्रतिशत के स्तर तक पहुंचगई है।
अमेरिका से भी ब्रिटेन तक का बेकार हालत: Annual Inflation Data
मंहगाई के मामले में तुर्की और अर्जेनटीना के बाद 14.5 प्रतिशत के साथ नीडरलैंड, 13.7 प्रतिशत के साथ रुस, 11.9 प्रतिशत इटली और 10.4 प्रतिशत जर्मनी का नंबर आता है। वहीं ब्रिटने में मंहगाई ने सारे रिकॉर्ड तोडते हुए 10.1 प्रतिशत स्तर बनाया है। इसके साथ दुनिया की सबसे विशाल अर्थव्यवस्था अमेरिका मे वर्ष के हिसाब से इनफ्लेशन 8.2 प्रतिशत के स्तर पर हो गई है।
भारत की तुलना में यहां मंंहगाई दर सबसे कम:
वहीं लिस्ट पर नजर डाले तो साउथ अफ्रीका में सालान आधार पर मंगाई दर में 7.5 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। वहीं देश में 10 नंबर पर है और सालाना मंहगाई दर 7.4 प्रतिशत है। इंडिया के बाद ऑस्ट्रेलिया में 7.3 प्रतिशत, ब्राजील में 7.1 प्रतिशत, कानाडा देश में 6.9 प्रतिशत, फ्रांस में 6.2 प्रतिशत, इंडोनेशिया जैसे देश में 5.9 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया में 5.6 प्रतिशत की दर से मंहगाई बढ़ी है।
चीन और जापान जैसे विकसित देश में मंहगाई दर सबसे कम:
मंहगाई दर की लिस्ट में ऐसे भी देश भी शामिल हैं जहां पर साल के हिसाब से मंहगाई दर में कम इजाफा देखने को मिला है। जिसमें चीन, जापान और साउदी अरब जैसे देश भी शामिल हैं। साउदी अरब में मंहगाई दर 3.1 प्रतिशत हैं और जापान में 3 प्रतिशत से मंहगाई दर की बढ़ोतरी हो रही है। चीन मे मंहगाई की दर में रफ्तार काफी धीरे से हो रहा है। जहां पर यह दर सबसे कम 2.8 प्रतिशत है।
RBI देगी सरकार को रिपोर्ट:
भारत की बात करें तो लगातार तीन तिमाही से देश CPI पर आधारित Retail Inflation रिजर्व बैंक के फिक्स 6 प्रतिशत के टारगेट से ईपर बनी हुई है। इस साल सितंबर में यह 7.41 प्रतिशत रही है। अब इस 3 नवंबर को RBI की बुलाई गई बैठक के बाद इसको रोकने में नाकामी के कारणों और आगे की कोशिश को लेकर सरकार को रिपोर्ट देगी।
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