देश की सेंट्रल बैंक आरबीआई (RBI) के द्वारा सोलापुर, महाराष्ट्र के लक्ष्मी को ऑपरेटिव बैंक (Laxmi Co-operative Bank Limited) के व्य़ापार को रोक दिया है इसमें नई खातों के जमा राशि और तुरंत प्रभावी जमा को चुनौती शामिल है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैक लिमिटेड के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है।
जारी आदेश में RBI ने कहा है कि सोलापुर में स्थित इस बैंक के पास काफी उचित पूंजी और कमाई की दिशाएं नही है। यह बैेंक जारी किए गए रुल्स का पालन नही करता है यह रुल्स आज से ही लागू हो जाएगा।
इसके बाद RBI ने अपने स्टेटमेंट कहा कि Laxmi Co-operative Bank Limited को तुरंत 1949 के बैंकिंग रेगुलराइजेशन अधिनियम के तहत ब्यापार करने से रोका जा रहा है। इसके अलावा RBI ने महाराष्ट्रा के कॉपरेटिव कमिश्नर और कॉपरेटिव सोशाइटी के साथ रजिस्टर बैंक को भी बंद करने के लिए एक एपॉइंटेड करने का नियम जारी करने के लिए कहा हैं।
आपको बता दें कि देश की कॉपरेटिव बैंक बंद करने का ऐलान कर दिया है। आरबीआई के दिशानिर्देशों का पालन नही करने के कारण आने वाले सप्ताह से पुणे की सहकारी बैंक पर ताला लगाने का आदेश दे दिया गया है। अगर आप सभी का खाता इस बैंक में है तो आप जल्द ही जमा की हुई रकम को निकाल लें। सेट्रल बैंक के द्वारा अगस्त में लाइसेंस को रद्द करने का फैसला कर लिया है। 22 सितंबर के बाद से इस बैंक के द्वारा दी जा रही सारी सेवाओं को बंद कर दिया जाएगा।
क्यो रद्द किया गया लाइसेंस:
RBI के द्वारा यह कहा गया कि बैंक के पास ठीक ठाक पैसों और व्यापार करने की संभावनाएं कम हैं। इस कारण यह बैंक 1949 के बैंकिंग विनियमन अधिनियम की धारा 56 के साथ धारा 11(1) और धारा 22(3) के नियमों का पालन नही करती है। इसलिए बैंकों का रहना खाताधारकों के लिए ठीक नही है। RBI ने कहा कि बैंक अपनी बेकार फाइनेंस स्थिति के साथ अपने आज के खाताधारकों को पैसे देने के काबिल नही रहा जाएगा। इस कारम यदि बैंक को बैंकिंग के व्यापार करने की परमीशन दी जाती है तो लोगों के जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
रिजर्व बैंक के अनुसार, बैंकों ने 22 सितंबर को अपना काम काज छोड दिया है। इसके उपरांत उपभोग्ता पैसों को नही निकाल पाएंगे। कॉपरेटिव बैंक रुपी बैंकिंग लाइसेंस को इस कारम से रद्द् किया गया है कि बैंक को पर्याप्त पूंजी और कमाई कम कर रही थी जिससे केंद्रीय बैंक के अनुसार, सहकारी बैंक रुपी फाइनेंस सिचुएंशन खराब थी और बैंक के पास काफी कैपिटल नही थी। इसी कारण से RBI ने इस बैंक का लाइसेंसल कैंसिल कर दिया है।
क्या होगा जमा पैंसो का:
DICGC के अधिनियम के अनुसार, 1961 के प्रावधानों के तहत सभी जमाकर्ताओं के बीमा और क्रेडिट की गारंटी निगम (DICGC) से 5 लाख रुपये की राशि दी गई है। इस जमा राशि में बीमा की राशि का जमा पाने का हकदार होगा। बैंक के जरिए जारी आंकड़ो के मुताबिक, करीब 99 फीसदी जमाकर्ता (DICGC) से अपनी जमा रकम की पूरा पैसा पाने का हकदार होता है। 2022 सितंबर 13 तक (DICGC) ने बैंक में पैसा जमा करने वालों से पाने के लिए एप्लीकेशन के बेस पर 193.68 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया गया है।
जरुर पढ़े:- भारतीय रुपये की 2047 तक वैश्विक करेंसी के रुप में होगी जगह, सरकार कर रही है तैयारी
Digital Loan: ऑनलाइन लोन लेने के बाद कही जिंदगी भर न हो परेशान, आवेदन करने से पहले जानें जरुरी बातें