Credit Card Debt: वर्तमान में ई-कॉमर्स साइट पर आए दिन सेल चलती रहती हैं। कई कंपनियां ऐसी हैं जो कि फेस्टिवल सीजन या फिर किसी खास मौके पर कंपनियां स्पेशल ऑफर जारी करती रहती हैं। जिसमें क्रेडिट कार्ड के उपयोग पर स्पेशल डिस्काउंट ऑफर करती हैं। अक्सर देखा जाता है कि लोग ऑफर के चक्कर पर क्रेडिट कार्ड को जरुरत से ज्यादा उपयोग कर लेते हैं। क्रेडिट कार्ड की सबसे खास बात यह है कि इससे शॉपिंग करने के लिए आपके खाते में पैसे हो या न हो लेकिन आपके सारे काम आसानी से हो जाते हैं। क्यों कि इसके सही इस्तेमाल किया जाएं तभी यह आपके काम का साबित हो सकता है। अगर आपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग सूझ-बूझ से करते हैं तो आप कर्ज के जाल में फसने से बच जाते हैं। अगर नहीं किया तो आप कर्ज के जाल में उलझते रह जाएंगे। तो ऐसे में जानते हैं कि क्रेडिट कार्ड की उधारी से कैसे छुटकारा पाएं।
आपको बता दें कि अगर आप क्रेडिट कार्ड की रमक नहीं चुकाएंगे तो करीब 40 फीसदी के हिसाब से सालाना फीस चुकानी होगी। ये सिलसिला तब तक चलता रहेगा जब तक आप क्रेडिट कार्ड का पूरा हिसाब नहीं चुका देते हैं। यही कारण है कि आपका क्रेडिट स्कोर (Cibil Score) भी बेकार हो जाता है। क्रेडिट स्कोर के बेकार हेने से अगली बार से लोन लेने में समस्या आएगी, क्यों कि आपका रिकॉर्ड बेकार हो चुका है। तो ऐसे में इससे छुटकारा पाने के लिए तीन तरीको को जानते हैं।
बाकी Balance को EMI में बदलें: Credit Card Debt
क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करने वाले उपयोगकर्ता अपने बिल को ईएमआई में बदलते हैं। इससे हर उपयोगकर्ता को अपने खर्च की लिमिट पता होती है। जिससे की खर्च का भार (Credit Card Debt) थोड़ा कम हो जाता है। लेकिन इसमें क्रेडिट कंपनी को दिया जाने वाला ब्याज काफी भारी पड़ता है लेकिन इस प्रकार ईएमआई से आप भुगतान की क्षमता के मुताबिक काफी समय में टोटल रकम को छोटी मात्रा में चुका सकते हैं।
यहां पर ध्यान रखने वाली बात है कि कई बैंक आपके ड्यूज को EMI में कनवर्ट करने के लिए Interest Rate वसूलेंगे, जो कि आपकी ईएमआई का हिस्सा बन जाएगा। इंटरेस्ट रेट पर इस बात पर डिपेंड करता है कि EMI के द्वारा बिल की पूरी रकम चुकाने के लिए कितने माह का वक्त लिया है। अपने इंटरेस्ट खर्च को कम करने के लिए हमेशा अपनी पेमेंट की क्षमता के मुताबिक कम से कम समय लेने की कोशिश करें और चुनें। इससे आप ब्याज दर के चक्रव्यूह में उलझने से बच जाएंगे।
दूसरी बैंक में कर सकते हैं बैलेंस ट्रांसफर:
कई बार ऐसा होता है कि मौजूदा क्रेडिट कार्ड कंपनी आपके बिल और ईएमआई पर ब्याज अधिक लगना शुरु हो जाता है। तो ऐसे में आपकी समस्या और भी बढ़ जाती है। जिसका एक ही उपाय है कि आपको कंपनी छोड दूसरे पकड़ लेनी चाहिए। आप उस बैंक या फिर क्रेडिट कंपनी में क्रेडिट कार्ड ड्यूज (Credit Card Debt) ट्रांसफर करा सकते हैं, जिसका ब्याज काफी कम हो, उस बैंक या फिर कंपनी में आउटस्टैंडिंग बैलेंस को ट्रांसफर करा सकते हैं। जिसका ब्याज काफी कम होता है। लेकिन यह ध्यान रहे कि बैलेंस ट्रांसफर से पहले उस नई कंपनी या फिर बैंक का चार्ज, फीस आदि का पता कर लें।
कम ब्याज पर ले पर्सनल लोन:
अगर आपको क्रेडिट कार्ड (Credit Card) काफी परेशान करने लगा है। तो आप पर्सनल लोन (Personal Loan) लेकर उसको भर सकते हैं। क्यों कि क्रेडिट कार्ड का ब्याज पर्सनल लोन के ब्याज से कम होता है। उसी बैलेंस से आप क्रेडिट कार्ड (Credit Card Debt) का बिल चुकाने पर छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं। क्रेडिट कार्ड का बिल 40 फसदी सालाना के हिसाब से ब्याज लेता है। जबकि पर्सनल लोन आपको 11 फीसदी के रेट से मिल जाएगा। पर्सनल लोन से आपको क्रेडिट स्कोर भी प्रभावित नहीं होगा।
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