Income Tax: देश के विकास और देश की तरक्की के लिए टेक्स भरना काफी जरुरी होता है। अगर आपकी आय बढ़ती हैं उसी हिसाब से इनकम टैक्स भी बढ़ता है। वहीं जब लोगों की आय टैक्सेबल हो जाती है तो लोगों को को इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) के अनुसार, टैक्स का पेमेंट करना होता है। अलग-अलग इनकम वर्ग के लोगों के लिए इनकम टैक्स स्लैब अलग-अलग होती है। वहीं लोग इनकम टैक्स स्लैब के हिसाह से भर सकते हैं। इसमें एक Old Tax Regime शामिल होता है वहीं दूसरा New Tax Regime है।
Income Tax Regime
आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय के द्वारा नई कर व्यवस्था पेश की थी। जिसमें व्यक्तियों और HUF के लिए कई वर्गों के अर्तगत कटौती का दावा किए बिना कम दरों का पेमेंट करने का ऑप्शन है। Old Tax Regime और New Tax Regime में टैक्स की दरें अलग-अलग हैं जबकि अगर किसी टैक्सपेयर की आयु 60 साल से कम है तो उसे 2.5 लाख रुपये पर टैक्स नहीं देना होता है।
Income Tax
इसके बाद 60 साल से कम आयु के टैक्सपेयर्स पर सालाना 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की इनकम पर 5 प्रतिशत की टैक्स टैक्स लगता है। जबकि इन लोगों को 5 प्रतिशत का टैक्स रिबेट भी मिल जाता है, लेकिन कुछ लोगों को सरकार की तरफ से अधिक सालाना आय पर भी टैक्स में भी छूट दी गई है।
इनकों 5 लाख तक की इनकम तक की टैक्स छूट:
आपको बता दें कि New Tax Regime दरों में उम्र के आधार पर अंतर नही किया गया है। जबकि Old Tax Regime के जरिए बुजुर्ग लोग जिनकी आय 60 से 80 साल तक है तो इसके लिए 3 लाख रुपये साल के हिसाब से टैक्स नहीं लगता है। वहीं ज्यादा बुजुर्ग लोग जिनकी आयु 80 साल से अधिक है उनके लिए 5 लाख रुपये पर टैक्स नहीं लगता है।
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