हेमा जोशी, नई दिल्ली : FPI Withdrawals: Foreign portfolio investment (FPI) विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में दूसरे देश के निवेशकों द्वारा रखी गई प्रतिभूतियां और अन्य वित्तीय परिसंपत्तियां शामिल हैं । यह निवेशक को कंपनी की संपत्ति का प्रत्यक्ष स्वामित्व प्रदान नहीं करता है और बाजार की अस्थिरता के आधार पर अपेक्षाकृत तरल है। FPI का भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला अप्रैल के लगातार सातवें महीने जारी रहा है. US central bank ने आक्रामक तरीके से interest rates में बढ़ोतरी की है। और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि FPI ने अप्रैल महीने में भारतीय शेयर बाजार से 17,144 करोड़ रुपये निकाले हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर ब्याज की दरें बढ़ने और कच्चे तेल के दाम बढ़ने से शेयर बाजार काफी प्रभावित रहेगा
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सिर्फ अप्रैल के महीने खरीदारीI Withdrawals:
FPI पिछले सात महीने यानि अप्रैल तक शेयरों से 1.65 लाख करोड़ रुपये की भारी रकम निकालकर फायदे में रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि रूस का यूक्रेन पर हमले के कारण अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में बहुत तेजी से ब्याज दरों में बढ़त्तरी की गई। लगातार छह महीने की बिक्री के बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में एफपीआई ने शेयर खरीदे। बता दें एफपीआई करीब 7,707 करोड़ रुपये का निवेश किया था। लेकिन शेयर बजार मे गिरावट आने के कारण उन्होंने 11 से 13 अप्रैल के बीच फिर बिक्री की। इसके बाद लगातार एफपीआई की बिक्री का सिलसिला जारी रहा।
अप्रैल में ब्याज दरों में बढ़ोतरी
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक FPI ने अप्रैल माह में भारतीय शेयर बाजारों से 17,144 करोड़ रुपये निकाले हैं। जबकि मार्च माह में 41,123 करोड़ रुपये निकाले गये। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल के द्वारा मई महीने में ब्याज दरों में आधा प्रतिशत की बढ़त्तरी की गई। इसका मुख्य कारण FPI के द्वारा भारतीय शेयर बाजारों से पैसे निकाले गए।
एफपीआई ने लोन और बांड मार्केट से भी निकाले पैसे
ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय सिंघानिया के अनुसार, अप्रैल में एफपीआई के शेयर बाजारों से बाहर निकलने की बड़ी वजह वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में लगातार वृद्धि होना है। बता दें एफपीआई ने लोन या बांड बाजार से भी 4,439 करोड़ रुपये निकाले और अप्रैल माह में एफपीआई ने भारतीय शेयर बजार के अलावा ताइवान, दक्षिण कोरिया और फिलिपीन आदि देशों के शेयर बजार से पैसे निकाले।
क्या दी एक्सपर्ट ने राय?
कोटक सिक्योरिटीज के प्रमुख शोधकर्ता श्रीकांत चौहान ने कहा, एफपीआई अप्रैल महीने में बिक्रीकर रहे हैं। इसका मुख्य कारण फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी करना है। मॉर्निंगस्टार इंडिया में एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोधकर्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों के बढ़ने से निवेशकों को काफी प्रभावित किया है।