हेमा जोशी,नई दिल्ली: Income Tax Saving Tips : अगर आपने अभी तक इनकम टेैक्स नही भरा है, तो साल 2020-21 की आईटीआर (Income Tax Return) भरने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022 है। आईटीआर भरते समय प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को अपने वेतन के हिसाब से कर देना होगा। टैक्स विशेषज्ञ (Tax Adviser) गिरीश नारंग का कहना है कि प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों को मिलने वाली सीटीसी (Cost To Company) में कई घटक होते हैं।

आपको बता दें हर नौकरीपेशा व्यक्ति को अपने सैलरी का एक हिस्सा टैक्स के रूप में सरकार को देना पड़ता है। बहुत से लोगों को हर महीने हाउस रेंट एलाउंस (House Rent Allowance) मिलता है जो उनकी सैलरी का एक पार्ट होता है. सैलरी स्लिप देखने में पता चलेगा कि कई बार यह हाउस रेंट अलाउंस आपकी सैलरी में ही शामिल होता है। यह आपकी सैलरी में टेक्स देने का एक हिस्सा है। लेकिन इस HRA के जरिए आप टैक्स बचा (Tax saving Tips) भी सकते हैं और हर सैलरी पाने वाला व्यक्ति HRA पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकता है।

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Income Tax Saving Tips

HRA के जरिए इनकम पर टैक्‍स छूट

HRA में इनकम टैक्स छूट लेने की कुछ शर्त हैं। अगर टैक्स में छूट लेना चाहते हैं तो टैक्सपेयर को किसी किराए के घर में रहना होगा। इसमें बिजनेस क्लास को HRA का फायदा प्राप्त नही होता है। HRA पर इनकम टैक्‍स में छूट आयकर अधिनियम की धारा 10(13A) के तहत मिलती है। अगर आप टैक्स बचाने के बारे में सोच रहे हैं, तो HRA पर कैसे टैक्स बचाए, इस सभी के बारे में जरूर जान सकते हैं। कुल टैक्सेबल आमदनी की गणना HRA को कुल आय से घटाकर की जाती है। सीटीसी में मूल वेतन (Basic Salary), हाउस रेंट अलाउंस (HRA), महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA), वेरिएबल पे, र‌इिंबर्समेंट, लीव ट्रैवेल अलाउंस (LTA), मेडिकल अलाउंस, बोनस, प्रोविडेंट फंड (PF) और फूड अलाउंस शामिल होते हैं।

हर कंपनी के लिए सीटीसी के कंपोनेंट अलग-अलग होते हैं। इन पर या कंपनी की ओर से मिलने वाली सुविधाओं पर कर देनदारी (Tax Liability) की गणना भी अलग-अलग होती है. कर्मचारी को मिलने वाले अलाउंस और अतिरिक्त सुविधाओं की प्रकृति के हिसाब से इन पर कर का आकलन किया जा सकता है। इनमें से कुछ पूरी तरह करयोग्य (Taxable Benefits) होते हैं, जबकि कुछ पर पूरी तो कुछ पर आंशिक छूट मिलती है।

HRA बचाने के बेसिक उपाय Income Tax Saving Tips

अब सवाल उठता है कि आप HRA पर कितना टैक्स बचा सकते हैं। इसकी कैलकुलेशन बेहद आसान है। नीचे दी गई तीनों परिस्थितियों में से जो भी रकम सबसे कम आएगी, उस पर HRA की टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है।

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  1. आपकी सैलरी में कितना हिस्सा HRA का भी है।
  2. मेट्रो शहर जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में रहते हैं तो बेसिक सैलरी का 50%, नॉन मेट्रो में रहते हैं तो सैलरी का 40% हिस्सा होता है।
  3. दिए गए मकान के सालाना किराए में से सालना सैलरी का 10% घटाने के बाद बची रकम में हिस्सा होता है।

HRA का फायदा उठाने के लिए होने चाहिए ये डॉक्यूमेंट

HRA का फायदा उठाने के लिए आपके पास एक मान्‍य रेंट एग्रीमेंट होना चाहिए, जिसमें हर महीने भरा जाने वाला किराया, एग्रीमेंट की समय-सीमा और आपके तरफ से खर्चों का जिक्र होना चाहिए। एग्रीमेंट (House Agreement) में मकान मालिक और आपका साइन होना चाहिए। यह 100 या 200 रुपये के स्टांप पेपर पर होना चाहिए। इसके साथ ही एक लाख से ज्यादा रेंट एक सालना होने पर आपको मकान मालिक का PAN देना होगा। 

सीटीसी के कुछ हिस्सों में देना होगा इनकम टैक्स

बेसिक पे

बेसिक पे (Basic Pay) एक नियत राशि होती है, जो किसी कंपनी की ओर से कर्मचारियों के किए गए कार्य के लिए भुगतान की जाती है। इसमें बोनस, लाभ या कोई अन्य मुआवजा शामिल नहीं होता है। यह वेतन पूरी तरह करयोग्य (Taxable Income) होता है।

वेरिएबल पे

सीटीसी के इस हिस्से पर पूरी तरह टैक्स लगता है. यह कर्मचारी के प्रदर्शन के हिसाब से उसे दिया जाता है।

बोनस

कर्मचारियों को मिलने वाला बोनस पूरी तरह करयोग्य होता है। मतलब कोई कंपनी अगर अपने कर्मचारी को बोनस देती है तो उसे इस पर टैक्स का भुगतान करना पड़ता है।

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ग्रेच्युटी

इस पर पूरी तरह टैक्स लगता है। हालांकि, रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी मिलने पर इस पर टैक्स की गणना इस पर आधार पर होगी कि कंपनी पेमेंट ऑफ ग्रेच्यूटी कानून के तहत आती है या नहीं।

अगर कंपनी इस कानून एक्ट के तहत आती है तो आयकर कानून की धारा 10(10) के तहत वास्तविक राशि, 20 लाख रुपये और आखिरी वेतन के 15 गुने को 26 से भाग देने के बाद उसे कंपनी में काम करने के साल से गुणा करने पर जो रकम आती है, इन तीनों में जो कम हो, उस पर टैक्स छूट मिलती है।

अगर कंपनी इस कानून के तहत नहीं आती है तो वास्तविक राशि, 20 लाख रुपये और औसत मासिक वेतन यानी पिछले 10 महीने की औसत मूल वेतन व डीए में जो सबसे कम है, उस पर टैक्स छूट मिलती है।

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