PPF Death Claim Rules: अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो सरकार की इस स्माल सेविंग स्कीम में इनवेस्टमेंट कर सकते हैं। जिसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) स्कीम कहा जाता है। जैसा कि पहले बताया कि इस स्कीम में आपको अपने निवेश में गारंटीड रिटर्न मिलता है। पीपीएफ में निवेश करने वालों को इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत आयकर छूट के लिए क्लेम भी कर सकते हैं। एक फाइनेंशियल ईयर में 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है। PPF में निवेशकर्ता की राशि सुरक्षित रहती है,और साथ ही इसमें शानदार रिटर्न मिलता है। अधिकांश लोग जॉब के समय ही PPF में खाता ओपन करा लेते हैं। लेकिन PPF के परिपक्व होने से पहले ही किसी भी खाताधारक की मौत हो जाती है तो इस स्थिति में उसके निवेश किए गए पैसे कैसे मिलते हैं। इसके बारे में डिटेल से जानते हैं।

PPF में कितना मिलता है रिटर्न

फिलहाल पीपीएफ में निवेश की राशि पर 7.10 प्रतिशत की दर से ब्याज मिल रहा है। जबकि इस स्कीम पर मिलने वाले ब्याज को सरकार प्रत्येक 3 माह पर बदल सकती है। पीपीएफ 15 साल में परिपक्व होता है, लेकिन इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इस स्कीम की सबसे बड़ी खासियत ये है कि चक्रवृद्धि ब्याज के हिसाब से रिटर्न मिलता है। इसका अर्थ है कि आप स्कीम में जितना भी समय देंगे। आपका पैसा उतनी ही तेजी के साथ बढ़ेगा। इस सरकारी स्कीम से आप साल भर में कम से कम 500 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं, और अधिकतम निवेश के लिए 1.50 लाख की लिमिट है।

किसे प्राप्त होती है राशि

अब आप मान लें कि किसी ने पीपीएफ में निवेश की शुरुआत की है तो प्रप्येक माह वो इस स्कीम में निवेश कर पैसे डाल सकता है। लेकिन जब यह योजना 8 साल तक के समय तक होती है। तो अकाउंट होल्डर की किसी वजह से मौत हो जाती है। इस स्थिति में पीपीएफ खाते में जमा राशि उसके नॉमिनी को दे दी जाती है। इस कंडीशन में मैच्योरिटी पूरी होने के नियम नहीं लागू होते हैं। खाताधारकों की मौत के बाद से पूरी राशि नॉमिनी को दे दी जाती है। इसके उपरांत इसको बंद कर दिया जाता है।

कैसे होता है क्लेम सेटेलमेंट

नियम के अनुसार, डेथ क्लेम का सेटेलमेंट कई आधार पर किया जा सकता है। यदि क्लेम की राशि 5 लाख रुपये तक है तो सेटलमेंट नॉमिनेशन, कानूनी सबूत या फिर कानूनी प्रूफ के संबधित अथॉरिटी के विवेक के अनुसार पर किया जा सकता है। लेकिन 5 लाख रुपये से अधिक की राशि के लिए कानूनी प्रूफ लगाने की आवश्यकता पड़ती है। यदि नॉमिनी के पास प्रूफ मौजूद नहीं है। तो इस स्थिति में कोर्ट से सक्सेशन सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना होता है।

जानिएं कब निकाल सकते हैं पैसा

आपको बता दें कि पीपीएफ में स्कीम में निवेश की गई राशि के मैच्योरिटी 15 साल है लेकिन अकाउंटहोल्डर इमरजेंसी में निवेश की 50 प्रतिशत राशि निकाल सकते हैं। इसके लिए शर्त ये है कि खाता खोलने के 6 वर्ष के बाद ही कोई खाते से निकासी नही कर सकता है। 3 साल तक पीपीएफ खाते में निवेश के बाद इस पर लोन लिया जा सकता है। लोन की सहुलियत खाता खोलने के 3 साल से लेकर छठे साल तक मौजूद होती है।

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