Income Tax: अगर आप इनकम टैक्स का ITR फाइल करने का प्लान बना रहे हैं तो यह आपकी सबसे अहम जिम्मेदारी में से एक है। ऐसा माना जाता है कि भविष्य में इनकम टैक्स विभाग की बात करें तो किसी भी काला धन अधिनियम 2015 के अनुसार बात करें को इसकी कार्रवाई से बचना चाहते हैं तो आयकर भरने के लिए कुछ जरुरी कागजात होते हैें उनकी जरुरत होती है।

काला धान अधिनियम के मुताबिक टैक्सपेयर को आईटीआर डॉक्यूमेट्स को रखने को लेकर कोई भी निश्चित सीमा नहीं बनाई गई है। लेकिन इनकम टैक्स असेसमेंट से बचने को लेकर उस समय इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 147 की के मुताबिक इसका 10 साल तक के समय को लेकर एक नोटिस जारी होता है।

इसके आकलने से बचने वाली आय औऱ काला धन वाले नियमों की बात करें तो जानकारों के मुताबिक एक टैक्सपेयर को कम से कम 10 साल के लिए अपने टैक्स रिकॉर्ड को बनाएं रखने की आवश्यकता होती है। खास तौर पर टैक्स रिटर्न प्रोसेसिंग के लिए एक नोटि ITR फाइल करने के बाद से ही कुछ महीनों के बाद मिलने लगता है।

जबकि डिटेल असेसमेंट को लेकर एक नोटिस के अनुसार, आखिर से तीन महीने की अवधि में किसी भी समय जारी कर लाभ ले सकते हैं। टैक्स रिटर्न देना सबसे अहम होता है। जबकि असेसमेंट से बचने वाली आय की बात करें तो उसको लेकर संबंंधित असेसमेंट ईयर के 3 साल होने के पहले भी नोटिस भेजना शुरु किया जाता है। और ऐसे मामलों में जहां असेसमेंट से बचने को लेकर 50 लाख से अधिक होती है तो वहां नोटिस 10 साल अवधि तक जारी कर सकते हैं।

टैक्सपेयर को कम 10 साल को लेकर ITR कागजातों को रखने की सलाह मिलनी शुरु हो जाती है। जिससे कि टैक्स डिपार्टमेंट इनकम से बचने को लेकर किसी भी इनकम के मामलें में कागजों के साथ नोटिस का जवाब देना सबसे जरुरी होता है।

यह ध्यान देने की लेकर सबसे अहम होता है कि काला धन अधिनियम के मुताबिक कार्यवाही शुरु करने के लिए कोई भी समय सीमा नहीं मानी जा रही है। इसप्रकार लंबे समय के दौरान बात करें तो टैक्स कागजातों को बनाना है तो यह कठिन माना जा सकता है।

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