Gold Loan Process: आज के वर्तमान समय में सभी लोग अपना कुछ न कुछ बिजनेस करना चाहते हैं। ऐसे में सबसे बड़ी दिक्कत पैसों की होती है, और तब हमारे जहन में एक क्याल आता है की लोन ले लेते हैं। लेकिन इसमें भी एक समस्या आती हैं की आखिर लोन ले तो ले कैसे। तो आज हम आपको बताएगे की लोन कैसे लेते हैं और ये भी की गोल्ड लोन क्या होता हैं?
आपको याद होगा की पहले हम जब दुकान पर जाते थे तो दुकानदार हमें चावल या गेंहु के बदले समान दिया करता था। ये गोल्ड भी ठिक वैसा ही हैं। जहा कुछ पैसों के लिए आप अपने सोने को बैक में रखते हैं और बैक आपको उसके बदले आपको पैसे देता हैं। जब आप ब्याज के साथ-साथ लिया हुआ पैसा वापस दे देते है तो फिर बैंक आपको आपका सोना लौटा देता हैं। आम तौर पर भारत में लोग किसी इंमरजेसी पर ही इस लोन का इस्तमाल करते हैं।
भारत में आमतौर पर लोग गोल्ड लोन अपने बच्चों को देश से बाहर पढ़ने के लिए भेजते हैं या फिर शादी-ब्याह, घर की मरम्मत, मेडिकल इमरजेंसी, ऐसी तमाम जरूरतों के लिए लोग ये लोन लेते हैं। ऐसी आपात स्थिति में पैसे की आवश्यकता को पूरा करने के लिए गोल्ड लोन सबसे अच्छा विकल्प है।
दरअसल गोल्ड लोन सोना कितने कैरेट का है उसके हीसाब से ही लोन मिलता हैं। मतलब की सोने की प्योरिटी और वैल्यू के हिसाब से ही आपको लोन मिलेगा। अगर किसी को ज्यादा इमरजेंसी हो तो वो गोल्ड लोन की सुविधा उठा सकता है। आपको बता दें की गोल्ड लोन में सबसे ज्यादा कागजी कार्यवाई की जरूरत पड़ती हैं। वहीं दूसरी तरफ लोग इस लोन का इस्तमाल अपने Startups को बूस्ट करने के लिए भी लेते हैं।
वित्तीय विशेषज्ञों की माने तो आपात स्थिति में गोल्ड लोन लेना पर्सनल लोन लेने से बेहतर है। गोल्ड लोन का इंटरेस्ट रेट पर्सनल लोन के इंटरेस्ट रेट की तुलना में ज़्यादा होता हैं। लो इंटरेस्ट रेट के साथ यह फ्लेक्सिबल लोन है, जो की ईजी प्रोसेसिंग के साथ आसानी से मिल जाता है। इसमें ज़्यादा डॉक्यूमेंट या प्रूफ देने की कोई ज़रूरत नहीं होती। गोल्ड का वैल्युएशन हाई होने के कारण इसके मार्केट वैल्यू के 75% तक आसानी से लोन मिल जाता है।
Gold Loan या Personal Loan कौन बेहतर?
‘इमरजेंसी में पैसे की जरूरत पड़े तो गोल्ड लोन पर्सनल लोन लेने से बेहतर है। लोन लेने के बाद डिफ़ॉल्ट की संभावना भी रहती है, इसलिए ऐसी सूरत में लेंडर क्या एक्शन ले सकता है, इसका ध्यान रखना चाहिए। गोल्ड लोन में सिक्योरिटी रहने की वजह से यह कम ब्याज दर पर मिल जाता है। उधार देने वाले न्यूनतम 18 कैरेट शुद्धता स्वीकार करते हैं। कई लोग 50 ग्राम से ऊपर के सिक्के स्वीकार नहीं करते हैं।
गोल्ड लोन के लिए क्या शुल्क चुकाने पड़ते हैं?
कुछ बैंक लोन की रकम पर 1.5 प्रतिशत तक प्रोसेसिंग फीस और जीएसटी लेते हैं। यह रकम आपको लोन राशि मिलने से पहले देनी पड़ती है। इसके अलावा, बैंक वैल्यूएशन फीस भी लेते हैं। यह फीस आपके गोल्ड की वैल्यू निकालने के एवज में बैंकों द्वारा लिया जाता है।
कैसे मिलता है गोल्ड लोन?
जब आप गोल्ड लोन के लिए अप्लाई करते है तो आपके पास जो भी सोने का जेवर या सोने के सिक्के, बिस्किट होता हैं उसे बैंक में ले जाना होता हैं। इसके बाद बैंक कर्मचारी उस सोने के जेवर को चेक करते है की ये सोना असली है या नकली। फिर इसके बाद सोने की वैल्युएशन की जाती है। आपको बता दें की जबसे कोविड-19 महामारी शुरू हुई तब से बैकों ने अपने कर्मचारयों को आवेदको के घर भेजने लगी हैं। वो कर्मचारी यहीं सेम प्रोसेस आपके घर पर भी करते हैं। जिसके बाद कुछ कागजी कार्यवाई की जाती हैं। तब जाके आपको गोल्ड लोन पास होता हैं।
गोल्ड लोन के लिए होगी इन डॉक्यूमेंट्स की आवश्यकता?
आपको बता दें कागजी कार्यवाई के लिए सबसे पहले पहचान पत्र की मांग की जाती हैं। पहचान पत्र के तौर पर आप बैंक के कर्मचारी को अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली का बिल या फिर टेलीफोन का बिल दे सकते हैं। इसके साथ-साथ आपको 2 पासपोर्ट साइज फोटों भी देनी होगी। किसी किसी केस में अगर बैंक आपसे इनकम प्रूफ मागे तो वो भी देना पड़ सकता हैं।
गोल्ड लोन का भुगतान नहीं करने पर क्या होगा ?
लोन मिल जानें के बाद आपको महीनें के ब्याज को चुकाना पड़ता है और अगर आप इसको मिस कर देते है तो आपको बैंक एक फॉलो-अप रिमाइंडर भेजती हैं। अगर आप रिमाइंडर के बाद पेमेंट करते है तो बैंक आप से पेनाल्टी के तौर पर लेट फिस लेती हैं।
रिमाइंडर्स के बावजूद यदि आप लोन को नहीं चुकाते हैं तो गिरवी रखे गए आपके गोल्ड पर लोन देने वाले बैंक या वित्तीय कंपनी का कानून अधिकार हो जाता है और वे उसे जब्त कर सकते हैं। बैंक या वित्तीय संस्था इस गोल्ड की नीलामी करके अपना बकाया वसूल कर सकते हैं। इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और सिबिल स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है।
रीपेमेंट कैसे होगा
रीपेमेंट करने के कई उपाय है। अब ये आपके ऊपर निर्भर करता है की आप कैसे करते हैं। जैसा की पहले ही आपने पढ़ा है की अगर समय पर कर्ज नहीं चुकाते तो उस सोने पर आपका अधिकार नहीं रहेगा और उसको बैंक नीलाम भी कर सकती हैं। बैंक आपको प्रीपेमेंट की अनुमति देता है और आपके पास एक बार ज्यादा राशि एकत्रित हो जाती है और आप लोन चुकता करना चाहते हैं, तो यह देखना चाहिए कि इसका चार्ज क्या है। आप EMI में भुगतान कर सकते हैं, या केवल कर्ज अवधि और अंत में एकमुश्त मूल भुगतान के दौरान ब्याज का भुगतान भी कर सकते हैं।